शुआट्स में प्लांट टिशू कल्चर तकनीक पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

प्रयागराज। प्लांट टिशू कल्चर तकनीक पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सैम हिग्गिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में छात्रों, शोधाथिNयों और नवोदित जैव-प्रौद्योगिकीविदों की उत्साही भागीदारी देखने को मिली। मुख्य अतिथि डॉ. अभिलाषा जे. लाल (निदेशक, एचआरएम एंड आर, शुआट्स) ने प्लांट साइंसेज के क्षेत्र में कौशल-आधारित शिक्षा के महत्व पर बल दिया।
यह कार्यक्रम सेन्टर फॉर टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी, जैकब इंस्टीट्यूट फॉर बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोइंजीनियरिंग (शुआट्स), प्रयागराज द्वारा वनस्पति विज्ञान विभाग, इविंग क्रिश्चियन कॉलेज, प्रयागराज के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को प्लांट टिशू कल्चर की उन्नत तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को टिशू कल्चर की विभिन्न प्रक्रियाओं में प्रत्यक्ष प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में आधुनिक कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी में टिशू कल्चर की नवीनतम प्रगति और अनुप्रयोगों पर भी प्रकाश डाला गया।प्रशिक्षण सत्रों के दौरान प्रतिभागियों ने अनुभवी संकाय और तकनीकी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में इंटरेक्टिव लैब सेशंस और लाइव डेमोंस्ट्रेशन में भाग लिया। प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाएं अत्यंत सकारात्मक रहीं, और अधिकांश ने प्राप्त व्यावहारिक ज्ञान और तकनीकों की सराहना की, जिसे वे अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक जीवन में प्रयोग कर सकें।समापन सत्र का संचालन डॉ. गुरुदयाल आर. गुरु (सह – प्राध्यापक, सीटीसीटी) द्वारा किया गया। प्रो. (डॉ.) एस.के. मिश्रा (विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान विभाग, ईसीसी, प्रयागराज) ने भी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए किसानों और कृषि समुदाय के उत्थान में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।प्रो. (डॉ.) प्रगति शुक्ला (विभागाध्यक्ष, सेन्टर फॉर टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी) ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों एवं संरचना पर प्रकाश डाला और विश्वविद्यालय द्वारा अनुसंधान व नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए आभार व्यक्त किया।समापन समारोह के दौरान प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। प्रो. (डॉ.) ईपेन पी. कोशी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। यह आयोजन सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल के बीच की खाई को पाटने की एक सफल पहल के रूप में देखा गया।इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) रूबिना लॉरेंस (विभागाध्यक्ष, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी एवं एसोसिएट डीन, एकेडमिक्स, जेआईबीबी), प्रो. (डॉ.) वीरू प्रकाश (एसोसिएट डीन, एडमिनिस्ट्रेशन, जेआईबीबी) और डॉ. राजीव कांत (विभागाध्यक्ष, कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी एंड बायोइन्फॉर्मेटिक्स) भी उपस्थित रहे।प्रो. (डॉ.) प्रगति शुक्ला ने कुलपति रेव. प्रो. (डॉ.) आर. बी. लाल एवं प्रो. (डॉ.). जोनाथन ए. लाल (डीन – जेआईबीबी एवं प्रो-वाइस चांसलर – शैक्षणिक कार्य, शुआट्स) के प्रति आभार प्रकट किया और सेन्टर फॉर टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी के सभी स्टाफ सदस्यों के अथक प्रयासों की सराहना की।

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